भूलकर हमें अगर तुम रहते हो सलामत गिला शिकवा << पूरी तरह से जीना कब का भू... दुनिया बहुत मतलबी है >> भूलकर हमें अगर तुम रहते हो सलामत, तो भूलके तुमको संभलना हमें भी आता हैमेरी फ़ितरत में ये आदत नहीं है वरना, तेरी तरह बदल जाना मुझे भी आता है। Share on: